बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए NDA ने सीटों का बंटवारा तय किया है। इस बंटवारे के अनुसार, बीजेपी को 17 सीटें मिली हैं, जबकि जदयू को 16 सीटें और चिराग पासवान को 5 सीटें अलाउट की गई हैं। इस तरह, बिहार में एनडीए के साथ नीतीश कुमार की पार्टी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
राज्य में चिराग पासवान की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने भविष्य की योजना को लेकर सख्त निर्णय लिया है। उनका निर्णय हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का है। इससे साफ है कि चिराग पासवान ने बिहार की राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाए रखने का इरादा किया है।
इसी बीच, पशुपति पारस के साथ बीजेपी के बीच कई उलझनें हैं। पशुपति पारस को एनडीए से किसी भी सीट का ऑफर नहीं मिला है, जिसके कारण वे अपनी नाराजगी स्पष्ट कर रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर अपने भविष्य के संबंध में भी संकेत दिया है। वे इंडिया गठबंधन के साथ जुड़ सकते हैं, जिससे राज्य की राजनीति में एक नया दिशा मिल सकती है।
इस बीच, हाजीपुर लोकसभा सीट पर चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच भी एक दिलचस्प टक्कर की उम्मीद है। यहां पर एक व्यक्तिगत और पारिवारिक युद्ध भी देखने को मिल सकता है।
समय के साथ, बिहार की राजनीति में नए रंग और आयाम सामने आ रहे हैं। यहां पर नामवर राजनेताओं के बीच उत्साह और उत्तेजना का माहौल है, जो न केवल राजनीतिक पारिभाषिकता को बदल सकता है, बल्कि बिहार की जनता के जीवन पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।