संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में महुआ- मोइत्रा पर CBI जांच का निर्देश।
मामले का विवरण:
- आदेश का प्रारम्भ: यह मामला “कैश फॉर क्वेरी” नामक मामले से संबंधित है, जिसमें महुआ मोइत्रा को उद्योगपति हीरानंदानी से पैसे लेने का आरोप लगाया गया है।
- लोकपाल के आदेश: लोकपाल ने CBI को महुआ मोइत्रा के खिलाफ मामले की जांच के लिए आदेश दिया है।
- जांच की प्रक्रिया: CBI को छह महीने के भीतर मामले की जांच करने का आदेश दिया गया है। उसे प्रति महीने लोकपाल को जांच की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया है।
- केस की विशेषता: इस मामले में अभी तक CBI ने केस दर्ज नहीं किया है, लेकिन लोकपाल के आदेश के बाद आगे की कार्यवाही होगी।
- आगे की कार्रवाई: पहले डीओपीटी एक आदेश जारी करेगा, और फिर CBI केस दर्ज करके जांच शुरू करेगी।
- महुआ मोइत्रा के लिए मुश्किलें: इस नए अधिकार के साथ, महुआ मोइत्रा के लिए और भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
महुआ मोइत्रा की कहानी
महुआ मोइत्रा एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से 17 वीं लोकसभा में सांसद रह चुकी हैं। उन्होंने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 2019 के भारतीय आम चुनाव में चुनाव लड़ा और जीता। मोइत्रा ने 2016 से 2019 तक करीमपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया, और पिछले कुछ वर्षों से अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में कार्य किया है। पहले राजनीति में आने से पहले उन्होंने एक निवेश बैंकर के रूप में काम किया था।
मोइत्रा की शिक्षा कोलकाता में स्कूल के बाद बारे में होलीक कॉलेज से अर्थशास्त्र और गणित में स्नातक की गई। उनका प्रारंभिक जीवन असम और कोलकाता में बीता, लेकिन 15 साल की उम्र में उन्होंने अपने परिवार के साथ अमेरिका शिफ्ट किया। वहां उन्होंने न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन चेज के लिए निवेश बैंकर के रूप में काम किया।
राजनीतिक करियर की बात करें, उन्होंने 2009 में लंदन में जेपी मॉर्गन चेज से अपना पद छोड़ दिया और भारतीय राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस में शामिल होकर राहुल गांधी की “आम आदमी का सिपाही” परियोजना में भाग लिया। 2010 में वह तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं और 2016 में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के करीमपुर से विधान सभा के सदस्य बनीं। 2019 में उन्होंने कृष्णानगर से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा और जीता।
मोइत्रा पर कई विवाद भी उठे हैं। उन्होंने बार-बार राजनैतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी बात रखी है, जिसके कारण उन्हें विवादों में घिरा जाता है।
उन्हें सिलचर हवाई अड्डे पर असम पुलिस की एक महिला कांस्टेबल पर हमला करने का भी आरोप है। इसके अलावा, उन्हें साहित्यिक चोरी का भी आरोप लगाया गया है।
समाप्त करते हुए, महुआ मोइत्रा एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार से हैं। उनकी कोलकाता में बचपन की एक बहुसांस्कृतिक परवरिश हुई, जहां उनके पड़ोसी पारसी थे और उन्होंने उनके साथ नॉरूज़ मनाया। उनके पूर्व पति डेनिश फाइनेंसर लार्स ब्रोरसन थे।
महुआ मोइत्रा का सामाजिक और राजनैतिक संज्ञान मुख्य रूप से उनके विचारों और उनके विवादास्पद बयानों के कारण है। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी है, जिसके लिए उन्हें समाज में अच्छी प्रतिष्ठा है, लेकिन उन्हें कई बार विवादों में फंसने का सामना करना पड़ा है।
इसके अतिरिक्त, महुआ मोइत्रा का जीवन पूर्णतः सार्वजनिक रूप से अभिव्यक्ति की आजादी के पक्षपात और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर भी केंद्रित है। उन्होंने अपने बयानों और कार्रवाइयों के माध्यम से समाज में संज्ञान और जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है।
भारतीय राजनीतिक मंचों पर उनका योगदान भी महत्वपूर्ण है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर आलोचनात्मक चर्चा हो सके। उनकी राजनीतिक करियर और उनके सामाजिक संज्ञान का विस्तारित परिचय भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण है।