चुनाव आयोग ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 6 राज्यों के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया है। इस निर्णय के साथ ही पश्चिम बंगाल के डीजीपी भी हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह निर्णय चुनाव आयोग के प्रयासों का एक प्रमुख अंश है जो उनके द्वारा निष्पक्ष और न्यायसंगत चुनाव की सुनिश्चितता के लिए किए गए हैं।
गृह सचिवों को हटाने का यह निर्णय निर्देशित है क्योंकि उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद नए और निष्पक्ष अधिकारियों की नियुक्ति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने यहां तक कहा है कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या अन्य अनुचित गतिविधियों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
इस निर्णय के साथ ही, पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भी हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह एक और कदम है जो चुनाव आयोग की निष्कर्षता और संविधानिकता को दर्शाता है।
बीएमसी के नगर आयुक्त भी नपे
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल के साथ कुछ नगर आयुक्तों और कुछ अतिरिक्त/उप नगर आयुक्तों को भी हटाने का निर्देश दिया है। आयोग ने मुख्य सचिव को नाराजगी जताते हुए बीएमसी और अतिरिक्त/उपायुक्तों को आज शाम 6 बजे तक रिपोर्ट करने के निर्देश के साथ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव को महाराष्ट्र में समान रूप से पदस्थापित सभी नगर निगम आयुक्तों और अन्य निगमों के अतिरिक्त/उप नगर आयुक्तों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया।अफसरों के पास थे दोहरे प्रभार।
यह निर्णय भ्रष्टाचार और गैर-न्यायसंगतता के खिलाफ चुनाव आयोग के प्रति जनता की विश्वासघात को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस निर्णय से नई और सुधारित चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत होगी जो देश की लोकतंत्र को मजबूती से सामना करने में मदद करेगी।