जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट पार्टी ने चारों पदों पर जीत हासिल की। धनंजय लेफ्ट के प्रतिनिधि रूप में प्रेसिडेंट और अविजीत वाइस प्रेसिडेंट चुने गए। इससे पहले कभी नहीं देखा गया कि एक ही पार्टी ने सभी पदों पर जीत दर्ज की हो। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव हमेशा ही महत्वपूर्ण होते हैं। यहाँ का छात्र संघ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज को सुनवाता है।
कुछ प्रमुख Point
- जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट पार्टी ने चारों पदों पर जीत हासिल की।
- धनंजय लेफ्ट के प्रतिनिधि रूप में प्रेसिडेंट और अविजीत वाइस प्रेसिडेंट बने।
- धनंजय ने 2973 वोट प्राप्त कर ABVP के प्रतिस्पर्धी को हराया।
- अविजीत घोष ने 2649 वोट प्राप्त कर वाइस प्रेसिडेंट का पद जीता।
- प्रियांशी आर्य ने जनरल सेक्रेटरी के पद को लेफ्ट की ओर से जीता।
- मोहम्मद साजिद ने जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर लेफ्ट को जीत दिलाई।
- इस जीत से लेफ्ट पार्टी ने छात्र संघ में अपनी बढ़त को बनाए रखा।
- इस चुनाव में ABVP को हार का सामना करना पड़ा।
- छात्र संघ चुनाव में 22 मार्च को 73% की वोटिंग हुई, जो की पिछले 12 साल में सबसे ज्यादा रही।
- लेफ्ट पार्टी की जीत ने छात्र संघ की राजनीतिक मान्यता को मजबूत किया।
- इस बार के चुनाव में विवाद नहीं हुआ और चुनाव शांति और अनुशासन के साथ हुआ।
- छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवारों ने अपने विचारों को सामने रखा और छात्रों के हित में काम करने का वादा किया।
- लेफ्ट पार्टी के विजय से, छात्र संघ की वामपंथी धारा को मजबूती मिली है।
- छात्रों ने चुनाव में भाग लेकर अपने अधिकारों का प्रयोग किया और अपनी आवाज को सुनवाया।
- छात्र संघ के चुनाव में बड़ी उत्साहजनकता और जनसहभागिता देखने को मिली।
- इस चुनाव में विभिन्न विषयों पर बहस हुई और छात्रों के मसले पर चर्चा की गई।
- छात्र संघ चुनाव का परिणाम छात्रों के भविष्य को निर्धारित करता है।
- लेफ्ट पार्टी के विजय से, छात्र संघ के कार्यकाल में सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन की संभावनाएं हैं।
यह चुनाव छात्र समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, जो उन्हें आगे बढ़ने का मौका देता है। इससे छात्र संघ के कार्यकाल में सकारात्मक परिवर्तन की संभावनाएं हैं।