8 मार्च 2014 को मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद अचानक गायब हो गई थी, जिसके बाद न उस विमान की कोई खबर मिली और न ही उसमें सवार 239 यात्रियों को जिंदा या मुर्दा खोजा जा सका था।
फ्लाइट 370 के गायब होने का रहस्य इस घटना को हुए 10 साल का वक्त गुजर चुका है, लेकिन मलेशिया एयरलाइंस और यात्रियों के परिजनों के लिए यह हादसा कभी न भरने वाला जख्म बन गया। 8 मार्च 2014 को मलेशिया के कुआलालंपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना होने वाली फ्लाइट MH370 को चीन के बीजिंग एयरपोर्ट पर लैंड करना था।
वह एक बोइंग 777-200ER विमान था, जिसमें 227 यात्रियों के साथ 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। लेकिन एयरपोर्ट से विमान के उड़ान भरने के लगभग 38 मिनट बाद रडार सिस्टम पर उसकी लोकेशन दिखाई देना बंद हो गई थी, जिसके बाद MH370 से दोबारा संपर्क नहीं हो पाया था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने फ्लाइट 370 से संपर्क करने की काफी कोशिश की, लेकिन असफल रहा। वहीं जिस समय विमान अचानक गायब हुआ था वह साउथ चाइना-सी के ऊपर से उड़ान भर रहा था। ऐसे में विमान के गायब होने के बाद पहला अंदाजा यह लगाया गया कि फ्लाइट 370 समुद्र में क्रैश हो गई है।
फ्लाइट 370 के गायब होने के बाद उसकी खोज के लिए सैटेलाइट, एयर क्राफ्ट और रडार सिस्टम की मदद ली गई थी, जिससे यह पता चला कि फ्लाइट 370 अपने निर्धारित रूट से भटक गई थी और विमान दक्षिण हिंद महासागर के आसपास जाकर दुर्घटना का शिकार हो गया था। फ्लाइट-370 के मलबे को ढूंढने के लिए 18 मार्च से 28 अप्रैल के बीच हिंद महासागर में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन किसी के हाथ कुछ नहीं लगा। ऐसे में ऑथोरिटी ने थक हारकर फ्लाइट 370 को ढूंढना बंद कर दिया था, जबकि प्लेन में सवार सभी 239 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया था। लेकिन यह मामला यहीं नहीं थमा, बल्कि साल 2018 में ओशन इंफिनिटी नामक एक कंपनी ने दावा किया कि उन्होंने MH370 के क्रैश प्वाइंट को खोज लिया है। जिसके बाद हिंद महासागर में एक बार फिर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था, लेकिन सोनार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बावजूद भी विमान का मलबा नहीं मिल पाया। विमान को खोजने के लिए मांगी इजाजत इंफिनिटी कंपनी एक बार फिर मलेशिया सरकार से MH370 फ्लाइट को खोजने की अनुमति मांग रही है, जिसे लेकर सरकार का कहना है कि कंपनी पहले यह सबूत पेश करे कि उसने 10 साल पहले गुमशुदा प्लेन के मलबे को खोज लिया है। अगर कंपनी सरकार को सबूत देने में सफल होती है, तो शायद मलेशिया सरकार एक बार फिर MH370 के मलबे को खोजने की अनुमति दे सकती है। हालांकि किसी को भी यह नहीं पता है कि विमान असल में किस जगह पर क्रैश हुआ था, जिसकी वजह से उसके मलबे को खोजने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। वहीं कुछ लोग दावा करते हैं कि फ्लाइट 370 को पायलट ने ही हाईजैक कर लिया होगा, जबकि एक थ्योरी यह भी दी जाती है कि विमान को एलियंस ने गायब कर दिया था। लेकिन यह पहली बार नहीं था, जब कोई विमान इस तरह से गायब या फिर दुर्घटना का शिकार हुआ हो। विमानों के गायब होने का इतिहास जुलाई 1937 में Amelia Earhart नामक महिला पायलट अपने विमान के साथ अचानक गायब हो गई थी, जिसके बाद उनका कभी कोई पता नहीं चल पाया था। एमेलिया अटलांटिक महासागर को पार करने वाली पहली महिला पायलट थी, जबकि साल 1937 में उन्होंने प्लेन के जरिए पूरी दुनिया का चक्कर लगाने का फैसला किया था। लेकिन प्रशांत महासागर के नजदीक विमान अचानक से गायब हो गया और एमेलिया की भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। 23 जून 1950 को नॉर्थवेस्ट ओरिएंट एयरलाइंस की फ्लाइट 2501 उड़ान के दौरान रात के समय अचानक से गायब हो गई थी, जिसे न्यूयॉर्क से सिएटल तक का सफर तय करना था। फ्लाइट 2501 में कुल 58 लोग सवार थे, जबकि विमान के मलबे को आज तक खोजा नहीं जा सका है।
इसी तरह 19 मई 2016 में इजिप्ट एयर की फ्लाइट 804 अचानक से गायब हो गई थी, जिसमें 66 यात्री सवार थे। फ्लाइट 804 के उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद उसकी लोकेशन रडार से गायब हो गई थी, जिसके बाद विमान समुद्र में क्रैश हो गया था और हादसे में 66 लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटनाग्रस्त यात्री हवाई जहाज 13 अक्टूबर 1971 को उरुग्वे एयर फोर्स की फ्लाइट 571 ने उड़ान भरी थी, लेकिन विमान अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने से पहले ही एंडीज की पहाड़ियों में क्रैश हो गया था। इस हादसे में विमान का पिछला हिस्सा सबसे पहले टूटकर अलग हुआ था, जिसके बाद विमान बर्फ में लुढ़कते हुए एक सुनसान इलाके में क्रैश हो गया। हादसे के वक्त ज्यादातर लोग घायल थे और उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें ढूंढ लिया जाएगा, लेकिन बर्फबारी की वजह से रेस्क्यू के लिए आए लोग विमान को नहीं देख पाए और वापस लौट गए। ऐसे में बर्फ के बीच फंसे हुए घायल यात्री एक एक करके दम तोड़ने लगे और आखिर में उन्होंने मृतकों का मांस खाने का फैसला किया था।
इस तरह 72 दिनों तक मृतकों का मांस खाकर 16 लोग जिंदा बच गए थे, जबकि विमान में कुल 40 लोग सवार थे। आखिरकार अक्टूबर में क्रैश हुए विमान के मलबे को दिसंबर में खोज लिया गया था, जबकि दो यात्रियों ने एंडीज की पहाड़ियों को पार करके खुद के जिंदा होने की जानकारी सरकार तक पहुंचाई थी। 27 मार्च 1977 को स्पेन में स्थित Tenerife Airport पर मिस कम्युनिकेशन की वजह से एक बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें रन-वे पर खड़े एक विमान को दूसरे विमान ने जोरदार टक्कर मार दी थी। उस दुर्घटना में 586 लोगों की मौत हो गई थी। इसे दुनिया के सबसे बड़े विमान हादसों में से एक माना जाता है। इस तरह इतिहास में कई घटनाएं घट चुकी हैं, जिसमें विमान अचानक से गायब या फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गए। विमानों की सुरक्षा के लिए समय समय पर कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन कभी-कभी हादसे अपने राज बनाए रहते हैं।